आरसी प्रसाद सिंह
राजेन्द्र प्रसाद सिंह
उमाकान्त मालवीय
डाॅ॰ रेवतीरमण
डाॅ॰ सुरेश गौतम
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डाॅ॰ विश्वनाथ प्रसाद
डाॅ॰ वशिष्ठ अनूप
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डॉ. अरविन्द कुमार
डाॅ॰ सुरेश गौतम
सत्यनारायण
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चन्द्रकान्त
डाॅ॰ विश्वनाथ प्रसाद
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डाॅ॰ कीर्ति प्रसाद
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सम्पादकीय : 'शान्ति सुमन की गीत-रचना और दृष्टि'
मधुकर सिंह
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डाॅ॰ महाश्वेता चतुर्वेदी
शान्ति सुमन की गीत-रचना और दृष्टि
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डाॅ॰ इन्दु सिन्हा
गीत के विकास में महती योगदान
जब परम्परागत गीतों की धारा सूखने लगी थी, उसे दोयम दर्जे का साहित्य कहा जाने लगा था तब डाॅ॰ शान्ति सुमन ने लोकचतना, लोक संस्कृति से इसे संस्कारित किया। उसका पोषण किया और गीत के विकास में अपना महती योगदान दिया। लोकजीवन की सहज गंध से सुवासित इनकी रचनायें भारतीय जीवन के अधिक निकट हैं। इनकी सौन्दर्य-चेतना समय-सापेक्ष है। इनके गीतों में विलक्षणता एवं असाधरणता के बदले लोक संबध-सहजता है। फलतः लोकप्रियता के निकष पर इनके गीत खरे उतरते हैं। नए चाक्षुष बिम्बों तथा लोकोक्तियों से मंडित इनके कई गीत आत्मीय छटा प्रस्तुत करते हैं।