मधुकर अष्ठाना
विविधापूर्ण रचना-संसार
भाषा, कथ्य एवं कथन की दृष्टि से डाॅ॰ शान्ति सुमन उन भाग्यशाली रचनाकारों में हैं जिन्होनें अपनी भावना के अनुकूल भाषा की खोज करने में प्रसिद्धि प्राप्त की है। उनकी प्रतिभाजन्य रागात्मक चेतना की उर्वर लेखनी से अनेक प्रतिमान ध्वस्त हुए हैं अनेक प्रतिमान निर्मित हुए हैं। वर्तमान समय में वे हिन्दी क्षेत्र की प्रतिनिधि महिला रचनाकारों में अपना महत्व प्रतिपादित कर चुकी हैं और उन्हें नवगीत की सर्वश्रेष्ठ कवयित्री कहने में आलोचकों को भी संकोच नहीं रह गया है। नवगीत के अनेक पक्षों में विपुल सृजन उनके विविधतापूर्ण रचना-संसार का द्योतक है। जहाँ वे नवगीत की जनोन्मुखी शाखा जनवादी गीतों की प्रमुख हस्ताक्षर हैं, वहीं मानव-जीवन से जुड़े अन्य पक्षों में भी संवेदना की गहराई का अवगाहन किया हैं। उनके संबंध में कहा जा सकता है कि नवगीत में उन्होनें इतिहास रचा है और दूर-दूर तक, विशेष रूप से महिला रचनाकारों में उनके शिखरीय व्यक्तित्व एवं कृतित्व का कोई स्पर्श भी नहीं कर सकता।