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सम्पादकीय : 'शान्ति सुमन की गीत-रचना और दृष्टि'
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शान्ति सुमन की गीत-रचना और दृष्टि
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यश मालवीय
कविता को बड़ा फलक देने की पक्षधर
रागात्मकता शान्ति सुमन के गीतों का रीढ़ तत्व है। यह व्यक्ति का राग तो है ही, वृहत्तर सामाजिक परिप्रेक्ष्य का अनुनाद भी है। वह काव्य-रूढ़ियों से समझौता नहीं करतीं। वह कविता को एक बड़ा फलक देने की पक्षधर हैं। इसलियेे सामान्य बिम्ब एवं प्रतीक उठाकर भी उन्हें एक वैशिष्ट देती हैं। सामने की देखी हुई चीज भी लगता है जैसे पहली बार देख रहे हैं, वह अपनी कविता की आँख से वह कोण उपलब्ध कराती हैं जो सामान्य आँखों से प्रायः नजरअंदाज जाया करते हैं।