आरसी प्रसाद सिंह

राजेन्द्र प्रसाद सिंह

उमाकान्त मालवीय

डाॅ॰ रेवतीरमण

डाॅ॰ सुरेश गौतम

सत्यनारायण

डाॅ॰ विश्वनाथ प्रसाद

डाॅ॰ वशिष्ठ अनूप

ओम प्रभाकर

देवेन्द्र कुमार

विश्वम्भर नाथ उपाध्याय

कुमार रवीन्द्र

डॉ. अरविन्द कुमार

डाॅ॰ सुरेश गौतम

सत्यनारायण

भारतभूषण

डाॅ॰ सीता महतो

डाॅ॰ संजय पंकज

रत्नेस्वर झा

चन्द्रकान्त

डाॅ॰ विश्वनाथ प्रसाद

डाॅ॰ अरूण कुमार

देवेन्द्र कौर

शरदेन्दु कुमार

डाॅ॰ महाश्वेता चतुर्वेदी

नन्द भारद्वाज

डाॅ॰ इन्दु सिन्हा

डाॅ॰ कीर्ति प्रसाद

डाॅ॰ अंजना वर्मा

अमित कुमार

डाॅ॰ मधुसूदन साहा

मधुकर अष्ठाना

सम्पादकीय : 'शान्ति सुमन की गीत-रचना और दृष्टि'

मधुकर सिंह

पंकज सिंह

मनीष रंजन

वीरेन्द्र आस्तिक

श्रीकृष्ण शर्मा

अनूप अशेष

शंकर सक्सेना

कुमार रवीन्द्र

डाॅ॰ माधुरी वर्मा

यश मालवीय

डाॅ॰ चेतना वर्मा

डाॅ॰ लक्ष्मण प्रसाद

डाॅ॰ अशोक प्रियदर्शी

कनकलता रिद्धि

दिवाकर वर्मा

सूर्यभानु गुप्त

डाॅ॰ सुप्रिया मिश्र

माधवकान्त मिश्र

शिशुपाल सिंह 'नारसारा'

डाॅ॰ महाश्वेता चतुर्वेदी

शान्ति सुमन की गीत-रचना और दृष्टि

शान्ति सुमन की गीत-रचना और दृष्टि

शान्ति सुमन की गीत-रचना और दृष्टि

शान्ति सुमन की गीत-रचना और दृष्टि

शान्ति सुमन की गीत-रचना और दृष्टि

शान्ति सुमन की गीत-रचना और दृष्टि

शान्ति सुमन की गीत-रचना और दृष्टि

सत्यनारायण

गीत के पक्ष में खड़ी

              'ओ प्रतीक्षित' संकलन 1970 में प्रकाशित हुआ। इसमें संकलित गीत श्रेष्ठ पत्र-पत्रिकाओं में छपकर ध्यान आकृष्ट कर चुके थे। यह दौर नवगीत के उन्मेष का दौर था। उन्मेष अकारण नहीं था। यदि शम्भूनाथ सिंह की मानें तो नवगीत कोई आन्दोलन नही था।यह तो नई कवितावादियों द्वारा गीत पर किये जा रहे घातक प्रहार का परिणाम था। गीत की अस्मिता पर उंगलियाँ उठई गई। उसके अस्तित्व को नकारा जाने लगा। तब गीत के पक्ष में खड़ा होना खतरों से भरा एक साहसिक रचनात्मक पहल थी। किसी नयी प्रतिभा के लिये तो गीत लिखना अपने भविष्य को दाँव पर लगाना था। ऐसे में बिहार के एक छोटे से शहर मुजफ्फरपुर से नयी उम्र की कवयित्री ने अपने को बेहिचक दाँव पर लगाया और नवगीत के पक्ष में उठ खड़ी हुई।

                                                         -सत्यनारायण